Film Maker बनने के लिए कोई औपचारिक आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले आपको बेसिक जानकारी हो जाये कि आपको करना क्या है? एक फ़िल्म को बनाने मे करोड़ों रूपये की रकम प्रोड्यूसर अपनी जेब से नहीं भरता है, इसके लिए वह अलग अलग जगह से पैसा जुटाने का काम करता है।
वह अपने साथ कोई पार्टनर रख लेगा, या को- प्रोड्यूसर बना लेगा या किसी कंपनी से लोन ले लेगा इस तरह से वह अलग-अलग जगह से पैसा इकट्ठा करता है और फिल्म निर्माण का काम शुरू करता है।
एक बेहतर फिल्म मेकर कैसे बने ?
फ़िल्म और टीवी सीरियल का निर्माण करने वाले को Film Maker या फिल्म प्रोड्यूसर कहा जाता है। फ़िल्म में Film Maker का बहुत अहम रोल होता है, क्योंकि एक प्रोड्यूसर ही होता है, जो अपनी फिल्म से संबंधित सारे अहम फैसले करता है। Film Maker ही तय करता है कि वह किस तरह का Project बनाये, कॉमेडी, रोमांटिक, एक्शन, सस्पेंस, या थ्रिलर, वह कैसी फ़िल्म बनाना चाहता है।
Film Maker ही फ़िल्म के लिए एक अच्छा Plot तैयार करता है जो फ़िल्म को आगे तक ले जाता है। Film Maker अपने Thought के अनुसार कहानी का Plot बनाता है फिर उस Plot के आधार पर फ़िल्म की कहानी किसी लेखक से भी लिखवा सकता है इसके बाद स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिखवाता है।
एक Film Maker अपनी सूझ-बूझ से डायरेक्टर, एक्टर, डायलॉग राइटर, म्यूज़िक डायरेक्टर, सिनेमेटोग्राफर, एडिटर और अन्य टेकनीशियन्स की टीम चुनने का काम करता है जो उसके लिये बेहतर काम कर सके। Film Maker बनने के लिए आपको काफी मेहनत करनी पडती है. कोई भी व्यक्ति आसानी के साथ एक कामयाब Film Maker नहीं बन सकता है इसके लिए आपको फ़िल्म के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
Film Maker के लिए क्या योग्यता होनी चाहिये ?
Film Maker बनने के लिए पढा लिखा होने के साथ समझदार होना अनिवार्य होता है साथ ही आपको फिल्म निर्माण के सभी सहयोगी विभागों के बारे मे जानकारी होना बहुत जरूरी होता है ।
Film Making कैसे सीखें ?
कई इंस्टीट्यूट है जो फिल्म मेकिंग और प्रोडक्शन से संबंधित कोर्स करवाते हैं यह कोर्स 3 महीने से लेकर 6 महीने तक के होते हैं. इस प्रकार के पोस्ट करने के बाद फील्ड में काम करना बहुत आसान हो जाता है। Film Making से संबंधित बेसिक जानकारी हो जाने के बाद आप किसी प्रोडक्शन हाउस में बतौर प्रोडक्शन असिस्टेंट का काम सीख सकते हैं या किसी बड़े प्रोडूसर के साथ रहकर काम करना होगा या आप उसके असिस्टेंट के तौर पर भी काम करके Film Making के बारे में अच्छे से सीख सकते हैं।
1- एक फ़िल्म प्रोड्यूसर ही होता है, जो फिल्म की शुरुआत में कलाकारों और तकनीशियनों को कुल मेहनताने का हिस्सा साइनिंग अमाउंट (अनुबंध की रकम) के तौर पर प्रदान करता है, और शेष सारा पैसा फिल्म निर्माण के अलग अलग चरणों में किश्तों में दिया जाता है ।
2- प्रोड्यूसर लाखों रूपये एकत्रित करके शूटिंग के लिए स्टूडियो बुक कराता है, और साथ ही रील खरीदता है ।
3- सारे प्रबंध हो जाने के बाद शूटिंग की शुरुआत कर कर देता है ।
4 – फ़िल्म में कुछ रील बनकर तैयार जाने के बाद प्रोड्यूसर फिल्म को दिखाने के लिए वितरक या डिस्ट्रीब्यूटर्स को आमंत्रित करता है ।
5 – यदि डिस्ट्रीब्यूटर को फ़िल्म पसंद आ जाती है, तो वह उसी समय फिल्म प्रदर्शन के अधिकार का सौदा पक्का करते हुए सौदे के लिए कुछ राशि जमा कर देते हैं। इसके बाद जैसे – जैसे फिल्म तैयार होती चली जाती है, तो इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर सौदे की शेष राशि भी पेय कर देते हैं और फिर इन्ही पैसो से शूटिंग चलती रहती है।
6 – इसके बाद में प्रोड्यूसर शेष क्षेत्रों के डिस्ट्रीब्यूटर्स को बुलाकर फिल्म दिखाता है। यदि उन्हें भी फिल्म पसंद आ जाती है वहां से भी रकम मिलनी शुरू हो जाती है।
7 – प्रोड्यूसर अपनी पूरी फ़िल्म को डिस्ट्रीब्यूटर या फाइनेंसर से मिले पैसों से तैयार करता है। इसके बाद जो फिल्म के बनने में खर्च आता है और जो उसे बेचने से पैसे प्राप्त होते है तो उनके बीच के अंतर से ही प्रोड्यूसर अपनी कमाई कर लेता है ।
8 – इस तरह एक प्रोड्यूसर कुछ लाख रुपये लगाकर फ़िल्म शूटिंग की शुरुआत करता है और फिर करोड़ों की फिल्म बना लेता है।
One thought on “Film Maker क्या होता है ”