Male Monologue for Audition

Male Monologue for Audition

ऑडिशन का मतलब है परीक्षा देना, एक कलाकार को किसी तरह की भूमिका पाने के लिए उस चरित्र के मन मुताबिक अपने अभिनय को प्रस्तुत करना ऑडिशन कहलाता है। ऑडिशन वह प्रक्रिया है जिसमें एक अभिनेता या अभिनेत्री को परखा जाता है कि उसने कितना टैलेंट है वह कितना अच्छा अभिनेता है उसकी अभिनय में कितनी डेफ्त्  है और वह उस करैक्टर को निर्वाह करने में कितना सक्षम है।  Male Monologue for Audition के माध्यम से आप अपने साक्षात्कार की तैयारी कर सकते हैं।

सीधे शब्दों में यह समझा जाए कि ऑडिशन एक प्रकार से साक्षात्कार है जिस तरह से नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है और खुद को साबित करना पड़ता है कि मैं इस काम के लिए सक्षम इसी प्रकार ऑडिशन में हमें साबित करना होता है कि हम उस चरित्र के लिए बिल्कुल सक्षम है

 Audition 1 
कल रात वो फिर से मेरे सपनों में आयी थी,  मेरी तरफ बांहें फैलाये वो ऐसे खड़ी थी जैसे वो मेरे पास आना चाहती है , पास आकर मुझे अपने आगोश में भरना चाहती है,  आज वो इतनी खूबसूरत लग रही थी जितनी पहले कभी नहीं लगी……. पर ये क्या मैं उसे अपनी ओर खींचने की जितनी भी कोशिशें कर रहा था …वो उतनी ही फिसलकर मुझसे दूर होती जा रही थी  कुदरत का कहर हम पर बदस्तूर जारी था और फिर वो पल भी आया जब वो मेरे हाथों से फिसलकर मुझसे दूर हो गयी  और दूर होकर वो एक ऐसी दुनियां की तरफ जाने लगी जिसे मैने पहले कभी नहीं देखा था मुझे डर लगने लगा, भयानक डर कि कही मेरा प्यार मुझसे खो ना जाये मेरी सांसें रुकने लगी,  मेरा दिल बैठने लगा मैनें अपनें हाथों की पूरी ताक़त उसे अपनी तरफ खींचने में लगा दी लेकिन फिर भी उसके हाथ मेरे हाथों से फिसलते ही गये , फिसलते ही गये  पल भर में वो मुझसे दूर होती चली गयी और मैं कुछ न कर सका कुछ भी नहीं और पल भर बाद रह गयी थी मेरी आंखों के सामने सिर्फ धुन्ध ही धुन्ध  मेरे तो जिस्म में जैसे जान ही नहीं रही  ऐसा लगने लगा जैसे सब कुछ खतम हो गया हो  बस कुछ ही पलों में सब कुछ मेरे हाथों से सब कुछ फिसलता चला गया और दूसरे ही पल अकेला खड़ा अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहा था ।

 Audition 2 
तुझे तो भगवान राम या रहीम के जमाने में पैदा होना चाहिये था पर मुझे लगता है, वहां भी तू चैन से जी नहीं पाती इतनी सीधी है तू  दरअसल सीधी नहीं भोली है तू , और तेरा यही भोलापन एक दिन तुझे खून के आंसू रुलायेगा देख लेना, ये तेरा भोलापन ही है जो तू किसी का भी विश्वास कर लेती है, किसी के भी बहकावे में आ जाती है, और ईश्वर की मेहरबानी है तुझ पर, जो आज तक तेरे इस भोले पन का किसी ने बेजा इस्तेमाल नहीं किया, नहीं तो आज के जमाने में लोग तेरे इस भोलेपन को बेचकर खा जायें और तुझे पता भी ना चले, तेरे खून को गंगाजली समझकर पी जाये और तेरा ये जो शरीर है ना, उसकी बोटी-बोटी नोचकर उसकी प्रसादी बनाकर खुद खा जाये और लोगों में भी बांट दें , इसलिये हर किसी का विश्वास करना छोड़ दे, क्योंकि आज विश्वास इतना बड़ा हथियार बन गया है कि उसके आगे सब कुछ फेल हैं तू एक बार गोली से बच जायेगी पर अगर , एक बार किसी ने तुझे विश्वास में मारा तो तू,  उफ भी नहीं कर पाएगी , क्योंकि तुम्हें पता ही नहीं चलेगा पता तो तुझे तब चलेगा जब तेरी खुद की तकदीर तुझ पर हंस रही होगी और तेरी आत्मा तुझ पर ही खून के आंसू बहा रही होगी ।

 Audition 3 
मै हमेशासे एक बड़ा आदमी बनना चाहता था…. मै जानता था, एक दिन आएगा जब लोग मुझे जानने लगेंगे… और वो दिन उन लोगो के लिए सबक होगा जो मेरी क्षमता पर भरोसा नहीं करते… माना के मै थोड़ा आलसी था, लेकिन गैर जिम्मेदार कभी नहीं था… मुझे पता था मेरी मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी…. बारिश का गरज कर बरसने वाला पानी और तेज हवा कब तक पौधे को तकलीफ देंगे… एक दिन तो पौधा पेड़ बनकर दिखायेगा….. कभी ऐसा भी दौर आता था जब मै फुट फुटकर रोता था… ऐसा लगता था मानो सबकुछ खत्म हो चूका है… जो सपने मैंने देखे है वो तो दूर दूर तक दिखाई भी नहीं देते थे… पर हर अंधेरी रात के बाद एक नया सवेरा आता है… उसी तरह अपने आप अंदर से एक एहसास आता था…. के नहीं, तुम कभी हार नहीं सकते… तुम बस लड़ने के लिए पैदा हुए हो…. नतीजा कुछ भी हो लेकिन तुम अपनी आखरी साँस तक लड़ते रहोगे…. यही मेरी कामयाबी का राज है… ।

 Audition 4 
देखो नेहा, तुम्हे जैसा लग रहा है वैसा कुछ भी नहीं है… तुम ख़ामख़ा मुझपर शक कर रही हो…. एक लड़का और लड़की दोस्त भी तो हो सकते है… और माया तो सिर्फ मेरी अच्छी दोस्त है और कुछ नहीं…. तुमने जो देखा वो सच था लेकिन तुम जो सोच रही हो वो बिलकुल सच नहीं है… कभी कभी जो आँखे देखती है वो भी  तो गलत हो सकता है… नेहा, यहाँ देखो, मेरी आँखोंमें…. क्या तुम्हे लगता है की तुम्हारा आयुष ऐसा गलत काम कर सकता  है…(नेहा आयुष की आँखो में आँखे डालकर देखती है और अचानक रोने लगती है…)अरे पगली, अब रो क्यों रही हो… इधर आओ ( आयुष नेहा को गले लगाता है )तुम मुझे १० साल से जानती हो, तुम्हे अच्छेसे पता है, में कैसा हूँ… लेकिन फिरभी शक करने से खुदको रोक नहीं पाई …. ये कमब्ख़त गलतफैंमियाँ होती ही ऐसी है… सालोसाल के भरोसे को भी चुटकी में दफ़न कर देती है… आज के बाद एक बात हमेशा याद रखना….. मैंने तुमसे कोई बात आज तक छुपाई नहीं है और आगे भी  नहीं छुपाऊंगा…. बिकॉज़ यू आर माय बेस्टेस्ट फ्रेंड……. आय लव यू सो मच…..।

 Audition 5 
एक वक्त था जब ये ख़ामोशी, ये तनहाई मुझे काटने दौड़ती थी…अब मानो इसकी आदत सी हो चुकी है… याद आते है वो दिन जब मै एक मज़ाकिया इंसान हुआ करता था… मेरे दोस्त तो मुझे नौटंकी बुलाते थे… सब लोक यही कहते थे की तू रहेगा तो साले बिलकुल बोर नहीं होता…. में भी इस बात का हमेशा ख्याल रखता था के जब तक में उनके के बीचमे हूँ तब तक हँसी – मजाक का माहौल बना रहे…..मुझे क्या पता था सबको हँसाने वाला ये जोकर अब खुदको भी हँसा नहीं पायेगा…..साला ये प्यार चीज़ ही ऐसी होती है… आज पता चला गुलाब के फूल को प्यार का प्रतीक क्यों कहा जाता है….गुलाब हमेशा तुम्हे आकर्षित करता है लेकिन उसके कांटे तुम्हे दिखाई नहीं देते…. पर जब तुम गुलाब का फूल हाथ में लेकर घूमोगे तो पता चलेगा की इसके कांटे है और वो ध्यान न देने पर चुबते भी है….मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है …. जिंदगी हमेशा ही नए नए पाठ पढ़ाती रहती है….. आज मैंने भी एक पाठ पढ़ा है… मुझे विश्वास है एक दिन वो मजाकिया इंसान फिरसे वापस आएगा….. गुलाब के काँटों से ना उसकी खूबसूरती कम होती है ना उसकी कीमत ….. इसलिए में फिरसे गुलाब हाथ में लेना चाहूँगा लेकिन इस बार काँटों को अनदेखा नहीं करूँगा …. वो तो काँटा है, चुभेगाही …..हमें आदत डालनी होगी…..।

अभिनय क्या है ?

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