Method  Acting Kya Hai मेथड एक्टिंग  क्या है

Method  Acting Kya Hai

मेथड एक्टिंग से पहले हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि एक्टिंग क्या है ? क्योंकि हम एक्टिंग तो करते हैं लेकिन हमें ठीक से पता नहीं होता कि एक्टिंग क्या है। फिर जानने की कोशिश करते हैं कि Method  Acting Kya Hai । सबसे पहले आपके सामने दो लोग हैं तो आप उन्हें एक शब्द में कैसे बताएंगे कि उनमें क्या अंतर है तो वह शब्द है पर्सनैलिटी, दोनों की पर्सनैलिटी अलग-अलग होती है।

What is method Acting
मेथड एक्टिंग में एक अभिनेता खुद को विकसित करने के लिए कुछ तरीकों से गुजरेगा, इसे ही हम मेथड एक्टिंग कहते हैं और मेथड एक्टिंग एक अभिनेता को अभिनेता बनने में सबसे ज्यादा मदद करती है। अभिनय का अर्थ है व्यक्तित्व को बदलना और उसके लिए किसी विधि से गुजरना मेथड एक्टिंग है।

अपने भीतर खोजें, जानें कि आपके अंदर क्या है, अपनी भावनाओं को जानें, अपने भावों को जानें, अपनी विचार प्रक्रिया को जानें। आप कितना भी सोचें, किसी की भावनाओं की नकल करके आप सही काम नहीं कर सकते। एक्टिंग आप घर बैठे भी सीख सकते हैं, इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है, मेथड ऑब्जर्वेशन इसका एक हिस्सा है जो आप घर बैठे ही कर सकते हैं।

स्वयं अध्ययन कैसे करें?
मेथड एक्टिंग क्या है इसका जवाब आपको मिल गया, अब आपको पता चल जाएगा कि खुद को किस मेथड से स्टडी करना है। आप अपने घर से शुरुआत करें क्योंकि जिस बिस्तर पर आप सोते हैं वह तकिया है जिस पर आप सिर रखकर सोते हैं। यदि यह बदलता है, तो आपको तुरंत पता चल जाएगा कि तकिया बदल दिया गया है। क्योंकि उससे आपकी संवेदना जुड़ी हुई है।

आपका उससे रिश्ता है।  आपके परिवार में मेरे साथ आपका रिश्ता है।  आपके पिता के साथ आपका रिश्ता।  आपकी माँ के साथ आपका रिश्ता.  अगर आपके शरीर में कोई दर्द है तो वह आपको कैसे परेशान कर रहा है ? यह कैसा दर्द है ? क्या आपने इसे महसूस किया है ? अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आप एक्टिंग में उन्हीं चीजों को कैसे दोहराएंगे। मेथड एक्टिंग के बारे में सरल बात यह है कि आपको सोचना होगा, आपको अभ्यास करना होगा और आपको अपने जीवन के बारे में सब कुछ जानना होगा कि आप जो भी करते हैं उसका अभ्यास करते रहें।

यह समझने का प्रयास करें कि भावनाएँ कैसे बदलती हैं। इसके लिए आपको रस के प्रकारों को समझना होगा। आपको अपनी अभिव्यक्ति का ध्यान रखना होगा कि आप बोलते समय किस प्रकार की अभिव्यक्ति दे रहे हैं। आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आपकी आवाज किस तरह की है, क्या मुझे जोर से बोलना है या धीरे बोलना है ।

मेथड एक्टिंग में  5 w चरित्र निर्माण में मदद करते हैं।

1Who (कौन): एक्टिंग में ‘Who’ स्थानीयता का प्रश्न है। यह एक्टर के चरित्र को समझने की मदद करता है। कौन है यह किसे प्रतिनिधित्त कर रहा है, उसका बैकग्राउंड, उसकी व्यक्तित्व, और उसकी अंतरात्मा से संबंधित जानकारी को समझने में मदद करता है।

2What (क्या): ‘What’ स्क्रिप्ट में हो रहे हर घटनाक्रम या व्यक्तित्व को समझने के लिए उपयुक्त है। इससे एक्टर को अपने किरदार की महत्वपूर्ण विशेषताओं को समझने में मदद मिलती है।

3When (कब) : ‘When’ एक्टिंग में समय का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बताता है कि किरदार कैसे प्रतिक्रिया करेंगे, कब किसी चीज को कहना है, और कितना समय लगेगा।

4Where (कहाँ) : ‘Where’ स्थान की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह बताता है कि किरदार कहाँ हैं, उनका वातावरण कैसा है, और उनके चारों ओर का माहौल कैसा है।

5Why (क्यों) : ‘Why’ किरदार के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संदर्भ को समझने में मदद करता है। यह बताता है कि उनके कैरेक्टर के विचारों, भावनाओं, और कृतियों के पीछे क्या कारण हैं।

अगर आपको यह स्पष्ट हो जाए कि मैं कौन हूं, मेरा चरित्र क्या है, मैं यहां किस उद्देश्य से आया हूं, यह दृश्य क्यों हो रहा है, इसमें क्या बताया जा रहा है, क्या करना है, मैं कहां हूं? जैसा कि कई बार होता है, किसी सीन में कहा जा रहा है।

आप पूरे दिन काम करने के बाद शाम को घर लौट रहे हैं, लेकिन अगर आप एंट्री ले रहे हैं तो आप बिल्कुल तरोताजा दिख रहे हैं, शारीरिक स्थिति, सामान्य बातचीत कर रहे हैं तो कैसे पता चलेगा कि आप पूरे दिन काम करके लौट रहे हैं।

आप शाम को काम से वापस आ रहे हैं और डायलॉग बोलते समय आपको यह दिखना चाहिए कि यह आदमी पूरे दिन काम करके वापस आया है और बहुत थका हुआ है। आप उस किरदार को कैसे निभाएंगे?

विधि विवरण कैसे खोजें?
How to find method details?
अगर आप घर के अंदर भाग रहे हैं, अंदर आने के बाद आपने देखा कि आपके सामने चार लोग बैठे हैं, उनमें से एक को देखकर आपने कहा, भाई जल्दी घर जाओ, तो आप ऐसा कैसे कहेंगे। तो सबसे पहले आपको यह सोचना होगा कि आप कहाँ से आ रहे हैं।

आप कितनी दूर से आ रहे हैं ? दो किलोमीटर से आ रहे हो तो कैसे आये? चाहे आप चलकर आएं, दौड़कर आएं, बाइक से आएं या कार से आएं।उसके बाद सड़क कैसी थी, समतल थी या गड्ढे थे या पथरीली सड़क थी, इस पर विचार करने से बहुत फर्क पड़ेगा। उसके बाद मौसम कैसा था, सर्दी, गर्मी या बरसात का मौसम था? उसके बाद समय क्या था, सुबह थी, दोपहर थी या रात थी?

अगर आप सुबह और रात में बात करेंगे तो बहुत धीरे-धीरे बात करेंगे क्योंकि आसपास का माहौल शांत होता है और अगर आप थोड़ा सा भी जोर से बोलेंगे तो ऐसा लगेगा कि आप बहुत जोर से बोल रहे हैं लेकिन दिन में आपको वही बातें सुनाई देंगी थोड़ा। तुम्हें ऊंची आवाज में बोलना होगा, उसके बाद जिस भाई को तुम बुलाने आ रही हो, उससे तुम्हारा रिश्ता कैसा है। ये सभी बातें बहुत महत्वपूर्ण हैं, जब तक आप इन सभी बातों के बारे में ठीक से नहीं सोचेंगे, तब तक आप इन्हें ठीक से व्यक्त नहीं कर पाएंगे।

आपको अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग तरीके से कार्य करना होगा। सबसे पहले आपको यह पता लगाना होगा कि स्थिति क्या है, फिर समय क्या है, आप उसके अनुसार प्रदर्शन करेंगे, इसे मेथड एक्टिंग कहा जाता है। अगर आपने सोचा है तो ही आप ऐसा कर पाएंगे, अगर आपने नहीं सोचा है तो आप सामान्य हो जाएंगे, यही अंतर है।

एक्टिंग बहुत विशाल है, जितना इसके अंदर जाओगे उतना ही पाओगे, अंदर जाना बहुत जरूरी है, अंदर जाने के लिए मेथड एक्टिंग जरूरी है। मेथड एक्टिंग आपको विकसित होने में मदद करती है। 

अभिनय सीखने की बेहतर किताबें 

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